निकोला टेस्ला, महान आविष्कारक, विद्युत अभियंता, और भविष्यवादी, को आधुनिक प्रौद्योगिकी में उनके क्रांतिकारी योगदानों के लिए अक्सर याद किया जाता है, जिनमें वैकल्पिक धारा (AC) बिजली, वायरलेस संचार, और कई अन्य शामिल हैं। हालांकि, उनके कम ज्ञात और अधिक रहस्यमय आविष्कारों में से एक है वह प्रसिद्ध “भूकंप मशीन(earthquake machine)” — एक उपकरण जिसे टेस्ला के अनुसार, भूकंप जैसे विनाशकारी कंपन उत्पन्न करने की क्षमता थी। लेकिन क्या टेस्ला ने वास्तव में ऐसा कोई उपकरण बनाया था, और क्या वह सचमुच भूकंप पैदा कर सकता था? आइए, हम टेस्ला की इस कथित भूकंप मशीन के रहस्य की खोज करें।
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टेस्ला का ऑस्सीलेटर
19वीं शताब्दी के अंत में, निकोला टेस्ला केवल एक आविष्कारक नहीं थे — वह एक सपना देखने वाले व्यक्ति थे, एक ऐसा आदमी जिसने भविष्य को अपनी आंखों से देखा, जो सामान्य से परे था। यह अज्ञात की खोज में ही था कि टेस्ला ने टेस्ला ऑस्सीलेटर को जन्म दिया, एक ऐसा यंत्र जिसे यांत्रिक कंपन उत्पन्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया था, जो प्रकृति की ताकतों का सामना कर सके।
इसके मूल में, ऑस्सीलेटर एक भाप से चलने वाला यंत्र था, जो वस्तुओं के माध्यम से कंपन भेजने में सक्षम था, और वह भी उनके अनुनाद आवृत्तियों पर। टेस्ला का सिद्धांत था कि अगर इस मशीन के कंपन आसपास की संरचनाओं की प्राकृतिक आवृत्तियों से मेल खा सकते हैं, तो उनके चारों ओर की इमारतें हिलने लग सकती हैं, और उनके नींव इस यंत्र के साथ सामंजस्यपूर्ण रूप से कंपन करने लग सकती हैं। यह एक ऐसा दृष्टिकोण था, जो पागलपन की सीमा तक पहुँचता था — एक ऐसा यंत्र बनाना जो प्रकृति की शक्तियों की नकल कर सके। फिर भी, टेस्ला का विश्वास था कि यह तो बस शुरुआत थी।
टेस्ला ने इस यांत्रिक उपकरण को 1890 के दशक में टेस्ला ऑस्सीलेटर के नाम से विकसित किया था। यह यंत्र मूल रूप से एक भाप से चलने वाला यांत्रिक ऑस्सीलेटर था, जो विभिन्न आवृत्तियों पर कंपन उत्पन्न करने में सक्षम था। टेस्ला का मानना था कि यदि वह किसी वस्तु या इमारत की प्राकृतिक आवृत्ति से मेल खाते हुए इस यंत्र के कंपन का उपयोग कर सके, तो वह इन कंपन को असाधारण स्तर तक बढ़ा सकते हैं।
ऑस्सीलेटर निरंतर यांत्रिक कंपन उत्पन्न करने के द्वारा काम करता था। जब ये कंपन आसपास की वस्तुओं में एक अनुनाद आवृत्ति तक पहुँचते, तो टेस्ला का मानना था कि यह उन वस्तुओं को कंपन करवा सकता था, और संभवतः उन्हें तोड़ भी सकता था। जबकि इस यंत्र का मुख्य रूप से औद्योगिक उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया था, टेस्ला ने यह भी अनुमान लगाया कि यह यंत्र अन्य उद्देश्यों के लिए, जैसे कि भूकंपीय तरंगों के समान प्रभाव उत्पन्न करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
न्यूयॉर्क प्रयोग: टेस्ला का दावा
भूकंप मशीन की सबसे प्रसिद्ध और व्यापक रूप से चर्चा की जाने वाली कहानी टेस्ला की न्यूयॉर्क शहर स्थित प्रयोगशाला से जुड़ी हुई है, जहाँ कहा जाता है कि उन्होंने 1890 के दशक की शुरुआत में एक प्रयोग किया था। विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला ने अपने ऑस्सीलेटर का एक छोटा संस्करण अपनी प्रयोगशाला में एक स्टील बीम से जोड़ा और मशीन को चालू कर दिया।
टेस्ला ने दावा किया कि ऑस्सीलेटर द्वारा उत्पन्न कंपन इतने तीव्र थे कि उन्होंने पूरी इमारत को हिला दिया, जिससे उनके पड़ोसी घबराए और दीवारों में दरारें तक आ गईं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपन इतने मजबूत हो गए थे कि एक पल के लिए टेस्ला को घबराहट में आकर मशीन को बंद करना पड़ा, ताकि इमारत पूरी तरह से ढहने से बच सके।
यह कहानी हालांकि कई अटकलों और संदेह का विषय रही है। कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि टेस्ला ने कभी किसी संरचनात्मक नुकसान का कारण बना हो, और कुछ लोग मानते हैं कि इस कहानी को बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया है या उसे गलत समझा गया है। फिर भी, टेस्ला का यह दावा कि उनका यंत्र इतनी शक्तिशाली कंपन उत्पन्न कर सकता था, उनके काम के चारों ओर रहस्य को और बढ़ा देता है।
“निकोला टेस्ला द्वारा अपनी ‘भूकंप मशीन’ से जुड़े प्रयोग को करने की सटीक तिथि — जिसमें उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में एक स्टील बीम से अपने ऑस्सीलेटर के छोटे संस्करण को जोड़ा था — यह स्पष्ट रूप से दस्तावेजित नहीं है। हालांकि, यह घटना सामान्यतः 1890 के दशक की शुरुआत में मानी जाती है, जब टेस्ला न्यूयॉर्क शहर में अपनी प्रयोगशाला में काम कर रहे थे, विशेष रूप से 1898 के आस-पास।”
“यह वह समय था जब टेस्ला विभिन्न यांत्रिक और विद्युत ऑस्सीलेटरों के साथ प्रयोग कर रहे थे ताकि अनुनाद (resonance) के प्रभावों का अध्ययन किया जा सके। टेस्ला की रिपोर्टों और ‘भूकंप मशीन’ के चारों ओर के लोकप्रिय कथा ने ऐसी कहानियों को जन्म दिया कि इमारत हिलने लगी और कंपन इतने तीव्र हो गए कि कहा जाता है कि टेस्ला को मशीन को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था ताकि संरचना पूरी तरह से ढह न जाए। हालांकि, इस विशेष घटना के लिए कोई सटीक रिकॉर्ड या दस्तावेजित तिथियाँ मौजूद नहीं हैं, और जो कुछ हम जानते हैं वह टेस्ला के अपने बयान और बाद में किए गए पुन: कथनों से आता है, जिन्होंने समय के साथ इस किंवदंती को और बढ़ाया।”
“यह महत्वपूर्ण है कि ध्यान में रखा जाए कि टेस्ला ने इस विशिष्ट प्रयोग के बारे में आधिकारिक रूप से कोई तकनीकी पत्र प्रकाशित नहीं किया था, इसलिए इसके विवरण अभी भी रहस्य में लिपटे हुए हैं।”
यंत्र के पीछे का विज्ञान
टेस्ला को यह विश्वास करने के लिए कि उनका ऑस्सीलेटर इतनी शक्तिशाली प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, हमें अनुनाद (resonance) के विज्ञान को समझने की आवश्यकता है। अनुनाद तब होता है जब किसी वस्तु या प्रणाली को उसकी प्राकृतिक आवृत्ति पर कंपन कराया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप कंपन की तीव्रता (amplitude) बढ़ जाती है।
टेस्ला की मशीन के मामले में, ऑस्सीलेटर कंपन उत्पन्न करता था, जो जब आसपास की संरचनाओं की प्राकृतिक आवृत्तियों से मेल खाते, तो वह कंपन को और भी बढ़ा सकता था और अंततः उन संरचनाओं के ढहने का कारण बन सकता था। यह सिद्धांत आज के समय में भी वास्तविक दुनिया में देखा जाता है, जैसे कि प्राकृतिक भूकंपों के दौरान पुलों और इमारतों का ढहना, जहाँ भूकंपीय तरंगों की आवृत्ति संरचना की प्राकृतिक आवृत्ति से मेल खाती है।
टेस्ला की सैद्धांतिक भविष्यवाणियाँ इस सिद्धांत के अनुरूप थीं, हालांकि इसे बड़े पैमाने पर “भूकंप” उत्पन्न करने के लिए इस्तेमाल करने का विचार अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है।
मिथक या वास्तविकता?
हालाँकि टेस्ला का ऑस्सीलेटर शक्तिशाली कंपन उत्पन्न करने में सक्षम रहा हो सकता है, लेकिन इस बात पर संदेह करने के कई कारण हैं कि क्या यह वास्तव में एक वास्तविक भूकंप उत्पन्न कर सकता था। आधुनिक वैज्ञानिक यह बताते हैं कि जबकि टेस्ला अपनी प्रयोगशाला में स्थानीयकृत कंपन उत्पन्न करने में सक्षम हो सकते थे, एक वास्तविक भूकंपीय घटना — जो इतनी शक्तिशाली हो कि बड़े क्षेत्रों को प्रभावित करे या व्यापक विनाश का कारण बने — उसे उत्पन्न करने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा और एक पूरी तरह से अलग शक्ति की आवश्यकता होती।
इसके अलावा, कोई प्रमाणिक साक्ष्य नहीं है कि टेस्ला के यंत्र ने कोई बड़े भूकंप उत्पन्न किए या जैसा उन्होंने दावा किया था, उसमें कोई विध्वंसक क्षमता थी। यह अधिक संभावना है कि टेस्ला का यंत्र, जबकि छोटे क्षेत्र में कंपन उत्पन्न करने में प्रभावी था, वह भूकंपीय स्तर की ऊर्जा उत्पन्न करने में सक्षम नहीं था, और “भूकंप” की कहानी समय के साथ बढ़ा-चढ़ा कर या गलत समझी गई हो सकती है।
क्या टेस्ला अपने समय से आगे थे?
चाहे टेस्ला का ऑस्सीलेटर भूकंप उत्पन्न करने में सक्षम था या नहीं, यह यंत्र टेस्ला की प्रतिभा और उनकी दुनिया के प्रति अनथक जिज्ञासा का प्रतीक बना हुआ है। टेस्ला का अनुनाद और यांत्रिक ऑस्सीलेशन पर किया गया काम आज के इंजीनियरिंग और भौतिकी के कई आधुनिक विकासों की नींव बन चुका है। उनके दृष्टिकोण, भले ही कभी-कभी अजीब लगे, आज भी लोगों को पारंपरिक सोच से बाहर सोचने के लिए प्रेरित करते हैं।
टेस्ला के ऊर्जा, कंपन और अनुनाद के सिद्धांत उनके समय से बहुत आगे थे। जबकि उनकी भूकंप मशीन एक विनाशक हथियार नहीं बन पाई, यह उन व्यापक वैज्ञानिक सिद्धांतों को दर्शाती है जिन्हें टेस्ला ने अपने जीवनभर अन्वेषण किया — ज्ञान की निरंतर खोज और उन विचारों का अन्वेषण जो उस समय के वैज्ञानिक समझ से कहीं अधिक थे।
निष्कर्ष
टेस्ला की भूकंप मशीन का रहस्य निकोला टेस्ला की विशाल कद-काठी को और बढ़ाता है। हालांकि उनके ऑस्सीलेटर की वास्तविक क्षमता अनिश्चित बनी हुई है, फिर भी यह मिथक जीवित रहता है, जो टेस्ला के काम और उनके आविष्कारों के चारों ओर रहस्यमय आकर्षण को बढ़ाता है। चाहे वह तथ्य हो या काल्पनिकता, टेस्ला का ऑस्सीलेटर इतिहास के सबसे महान आविष्कारकों में से एक की कहानी में एक आकर्षक अध्याय बना हुआ है।
टेस्ला का यह दृष्टिकोण कि कंपन और अनुनाद की शक्ति का उपयोग किया जाए, न केवल उनकी अद्वितीय सोच का प्रतीक है, बल्कि यह अनगिनत वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, और आविष्कारकों को प्रेरित करता है। आज, यांत्रिक ऑस्सीलेशन का अन्वेषण आधुनिक तकनीक को प्रभावित करता है, चाहे वह भूकंप इंजीनियरिंग हो या मेडिकल डिवाइसेस जैसे अल्ट्रासाउंड मशीनें। टेस्ला की भूकंप मशीन ने दुनिया को वैसे नहीं बदला जैसा कि उन्होंने सोचा था, लेकिन इसकी दंतकथा आज भी हमें प्रेरित करती है और यह कल्पना करने के लिए प्रोत्साहित करती है कि शायद यह क्या कर सकता था।
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स्रोत
- Electro-mechanical oscilator & Tesla’s Earthquake Machine. (n.d.). Open Tesla Research.
- Troshanski, S., Dujovski, N., & Mojsoska, S. (2019). NIKOLA TESLA’S TELEGEODYNAMICS MORAL AND SECURITY ASPECTS. МЕЃУНАРОДНА НАУЧНА КОНФЕРЕНЦИЈА, 179.
- Reciprocating Engine, U.S. patent 514,169, February 6, 1894.
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