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HG Wells: जिनकी लिखी कल्पनाएँ सत्य घटनाएं बनी।

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चित्र 1: 'द शेप ऑफ़ थिंग्स टू कम' के सेट पर एच। जी। वेल्स, पर्ल अर्गल और विलियम कैमरन मेंजेस के साथ | UF संपादक द्वारा रंगीन किया गया | © आरक्षित; संग्रह नेशनल पोर्ट्रेट गैलरी, लंदन।

Albert Einstein कहा करते थे, कि कल्पना ज्ञान से ज्यादा महत्वपूर्ण है ज्ञान सीमित होता है जबकि कल्पना पूरी दुनिया को गले लगाती है, विकास को उत्तेजित करती है और विकास को जन्म देती है। HG wells ऐसे ही एक महान व्यक्ति थे, जिनकी लिखी कुछ कल्पनाएं सत्य घटनाएं बनी।

HG Wells का जीवन

HG wells जिनका पूरा नाम था Herbert George Wells. वे एक महान science fiction कहानियों के लेखक थे।  Wells का जन्म 21 दिसंबर 1866 को इंग्लैंड  में Bromley Kent में हुआ था। Wells एक lower middle क्लास परिवार से थे। और वह अपना ज्यादातर समय क्रिकेट खेलकर और पिता के छोटे से दुकान में रहकर बिताते थे। Wells सामान्य स्कूली स्कॉलरशिप पाकर अन्य विषयों के साथ Physics, Chemistry, Biology और Astronomy में शिक्षा प्राप्त किए।

1874 में एक एक्सीडेंट में युवा बेल्स के पैर टूट गए जिसने उन्हें चलने में असमर्थ बना दिया, समय बिताने के लिए वेल्स किताबें पढ़ा करते थे। वह अपना ज्यादातर समय किताबें पढ़कर बिताने लगे जिससे उनके अंदर लिखने के इच्छा को प्रोत्साहन मिला । पूरी तरह से ठीक होने के बाद वेल्स अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के लिए अनेक परेशानियों से गुजरे, और अनेक स्थानों पर खुद को असमर्थ भी पाया। इस प्रकार वेल्स एक लेखक बनने के लिए खुद को समर्पित कर दिए।

The Chronic Argonauts

कॉलेज के दौरान वेल्स ने “The Chronic Argonauts नामक समय यात्रा के बारे में एक छोटी कहानी प्रकाशित की,  जिसमें उन्होंने भविष्य की साहित्यिक सफलता को दर्शाया। 1895 में वेल्स द टाइम मशीन नामक कहानी के प्रकाशन से रातों-रात दुनिया भर में विख्यात हो गए।  यह पुस्तक एक अंग्रेजी वैज्ञानिक के बारे में थी जो एक समय यात्रा मशीन विकसित करता है और समय यात्रा करने में सफलता हासिल कर लेता है।

यह अविश्वसनीय था कि वेल्स The Time Machine जैसी कोई किताब लिखने में सक्षम होंगे क्योंकि 1890 के दशक में physics केवल Newton के अनुसार ही चलता था, और सापेक्षता के नियम यानी Theory of relativity  के बारे में कोई नहीं जानता था। वास्तव में 10 साल बाद वेल्स के समय यात्रा के काल्पनिक कहानी के सिद्धांत को Albert Einstein  ने अपने स्पेशल Theory of relativity में सच साबित कर कर दिए।

The Invisible Man

1897 में वेल्स का एक और किताब प्रकाशित हुआ कहानी का नाम था “The Invisible Man”  इस कहानी में वेल्स यह स्पष्ट करते हैं कि, क्या होगा अगर इंसान अदृश्य हो जाए? (वेल्स को यह कहानी लिखने की प्रेरणा समुद्र तल के नीचे मिला जहां कुछ प्राणी अदृश्य होते हैं जैसे कि जेलीफिश ) यूसी बर्कले में प्रोफेसर झांग जियांग (Zhang Xiang) और उनके साथी अदृश्य होने के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं और उन्होंने इस काम में कुछ सफलता भी प्राप्त किया है, उन्होंने एक ऐसी वस्तु का निर्माण किया है जिसका नाम है Metamaterials  यह एक कारपेट जैसी वस्तु है जिस पर से लाइट इस तरह से रिफ्लेक्ट होती है कि प्रतीत होता है वस्तु अदृश्य है।

The war of the worlds

1895 का वक्त था जब 29 साल के वेल्स अपने नए कहानी पर काम कर रहे थे।  वह ऐसे युग में रह रहे थे जब पहला मोशन कैमरा का आविष्कार किया गया था और नवीनतम परिवहन एक साइकिल था। लेकिन वेल्स तो अपने कल्पना में लगे हुए थे कि कैसे वे दुनिया के विनाश के भविष्य चित्रों को कहानी में बदल सके उपन्यास का नाम था “The war of the worlds” ( इस कहानी का विचार वेल्स को द रेड प्लैनेट मार्स से मिला था ) अपने इस उपन्यास में वेल्स लिखते हैं कि कैसे मंगल ग्रह से एलियन पृथ्वी पर आकर एक सैन्य बल Heat Rays  से मानव जीवन का विनाश करते हैं।

लेकिन वेल्स ने ना केवल एक नए प्रकार के काल्पनिक विज्ञान को रचा था, बल्कि उन्होंने एक नए प्रकार के युद्ध का सही अनुमान लगाया था। 19 साल बाद Albert Einstein ने लेजर तकनीक के सैद्धांतिक आधार की पहचान की।  आधुनिक युग में लेजर तकनीक हम हर जगह देख सकते हैं Pointing Device से लेकर डीवीडी प्लेयर्स तक इंडस्ट्रियल से लेकर आधुनिक सर्जिकल में उपयोग होने वाले उपकरण तक एवं आधुनिक हथियारों में भी लेजर तकनीक को और अधिक विकसित किया जा रहा है।

वेल्स कहते थे कि, “विनाश एक बाहरी शक्ति नहीं बल्कि हमारे अपने अंदर अंधेरे प्रकृति से पैदा होता है” हम असाधारण आविष्कारों को कैसे बनाने में सक्षम हो जाते हैं।

1898 में वेल्स अपने लेखन कार्य जारी रखते हुए अनेक प्रकार के नोबल्स लिखते रहे और बीसवीं सदी के शुरुआत में वेल्स की अनेक कहानियों ने युद्ध की मैकेनाइज्ड क्रूरता को छूना शुरु कर दिया था।  वेल्श “The Land Ironclads” में टैंक जैसे सैन्य बालों का वर्णन करते हैं, जो फिर वास्तव में सैन्य बालों में उपयोग में लाये जाते हैं।  वे अपने कुछ novels में हवाई युद्ध की भविष्यवाणी करते हैं और प्रथम विश्व युद्ध के 6 वर्ष पहले एक और नोबल द शेप ऑफ़ थिंग्स टू कम प्रकाशित करते हैं कई तरीकों से वेल्स प्रथम विश्व युद्ध की भविष्यवाणी अपने उपन्यासों के जरिये कर रहे थे। वेल्स के उपन्यासों के प्रकाशन के 6 वर्ष  बाद वास्तव में प्रथम विश्व  युद्ध लड़ा गया। और उनकी कल्पनाएं  सच साबित हुई।

अपनी सभी साइंस फिक्शन उपन्यासों से अलग 1914 में वे अपने The world set free  प्रकाशित करते हैं।  जिसमे वेल्स एक ऐसे भौतिक वैज्ञानिक के बारे में लिखते हैं जो 1933 में Atom Bomb के विचार के साथ आएगा।  इस कहानी में वेल्स एक ऐसे सैन्य बल के बारे में लिखते हैं जो Radioactivity से चलता हैं और साथ ही यह भी लिखते हैं की कैसे  इसके प्रयोग से विश्व का विनाश हो सकता है , लेकिन  द्वितीय विश्वयुद्ध में परमाणु हथियार के उपयोग में अभी भी बहुत समय बचा था।

The Shape of Things to Come

1920 के समय वेल्स विनाश से अपना ध्यान हटा कर रचनात्मक तकनीक पर लगाय और सिनेमा में फिल्म बनाना शुरू कर दिया। 1927 में वेल्स द्वारा रचित एक साइंस फिक्शन फिल्म The Future of metropolis रिलीज़ किया गया, जिसने सिनेमा के दुनिया में बहुत नाम कमाया और 1936 में वेल्स के उपन्यास The Shape of Things to Come पर फिल्म बना जिसमे भविष्य वर्ष 1940 के एक हवाई युद्ध को दर्शाया गया , वेल्स के फिल्म The Shape of Things to Come में दिखाए गए दृश्य वास्तव में द्वितीय विश्वयुद्ध में सच साबित हो गए।

जब 1945 में अमेरिका वेल्स के Radioactivity सिद्धांत पर रचित atom bomb japan  पर गिरता है।

Wells विज्ञान को मानव के सबसे शक्ति शैली उपकरण के रूप में मानते थे, लकिन हमें चेतावनी भी देते थे की हम इसका उपयोग बुद्धिमानी से करें।

मृत्यु –

79 वर्ष की आयु में 13 अगस्त 1946 को अनिर्दिष्ट कारणों से HG wells की मृत्यु हो गई,  कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि लंदन में एक दोस्त के फ्लैट में दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। वेल्स में द वार इन द एयर के 1941 के संस्करण के अपने प्रस्तावना में, वेल्स ने कहा था कि उनका एपिसोड होना चाहिए: “मैंने तुमसे कहा था तुम मूर्खों को शापित करते हो”। 16 अगस्त 1946 को गोल्डर्स ग्रीन श्मशान में वेल्स के शरीर का अंतिम संस्कार किया गया; बाद में उनकी राख अंग्रेजी चैनल “ओल्ड हैरी रॉक्स” में बिखेर दी गई थी।

उनके सम्मान में एक स्मारक नीली पट्टिका 1966 में रीजेंट पार्क में उनके घर पर स्थापित की गई थी। वेल्स विज्ञानं वादी कथाओं की एक समृद्ध विरासत पीछे छोड़ गए जो मव जीवन को हमेशा मनोरंजन और प्रेरणा देता रहेगा।


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